वॉरेन बफेट ने 30 साल की उम्र में अपना पहला मिलियन डॉलर कमाया वो भी इसलिए क्योंकि उन्होंने पैसा कमाना 13 साल में शुरू कर दिया था और वो हर वक्त बस इन्वेस्टमेंट और बिजनेस के बारे में सोचते रहते थे। लेकिन आर्थर कहते हैं कि एक आम आदमी को इससे बहुत ज्यादा टाइम मिल सकता है और बुढापे में अमीर बनने का क्या फायदा जब हड्डियों में पेन हो रहा हो।
इसलिए इस विडियो में हम एमजे डी मार्को की बुक दम मिलने फास्ट लेन से लोफर फिक्शन और फाइव कमाण्डेंट सीखेगी कि कैसे इन कंपोनेंट्स को यूज करके की चौधर खुद मिलनर बने और कैसे हम भी अपनी जर्नी में इनके प्रिंसिपल्स को यूज कर सकते हैं। सुलेख स्टार मीडिया ब्रदर इन सिस्टर्स ऑथर कहते हैं कि अगर हमें जल्दी रिच बनना है तो हमें दो लोग फिक्शन सीखना होगा। दलालों फिक्शन नाकि लौ ऑफ अट्रैक्शन लोफर इंटरेक्शन को आप साइंस या किसी कुजीन की मदद से प्रूव नहीं कर सकते लेकिन कोई भी इस बात से डिग्री नहीं कर सकता कि टू प्लस टू इजी कूल टू फोर या फिर एक लाख कस्टमर्स आपको अगर एक रुपए का प्रॉफिट दे
दें तो ये हमेशा ज्यादा होगा आजकल पेटू हंड्रेड कस्टमर्स जो आपको एक रुपए का प्रॉफिट दे रहे हैं हमें मैच कैलकुलेशन पर विश्वास करना है नाकि किसी फिक्शन पर। लौ परफेक्शन बोलता है कि जितनी ज्यादा लाइट्स आप अफेक्ट करो चाहे वो ज्यादा लोग हों या ज्यादा नागी टुडू अब उतने ज्यादा अमीर बन जाओ। अब हमें एक सिंपल एग्जाम्पल से समझते हैं। मान लीजिए कि एक रियल एस्टेट इनवेस्टर ने एक बड़ा हॉल लिया और उस हॉल को 14 पांच में डिवाइड कर दिया और उसकी शॉप्स बना दी। हर शॉप से उसे 4 लाख रुपए का प्रॉफिट हुआतो उसका टोटल प्रॉफिट हुआ फूलबाग फूटी रिजेंसी कुंडू फिफ्टी सिक्स लैक अभिषेक कॉम्पलेक्स रियल एस्टेट इनवेस्टर्स ज्यादा लाइट्स को फेक नहीं किया। यूनिट्स के लाइबिलिटी नहीं थी लेकिन हर लाइट को ज्यादा मैग्निट्यूड सिमटा किया इसलिए उसका प्रॉफिट फोर लैक पर कस्टमर में मार्जिन की जीके एक लड़का है राहुल जो की ऊपर बुक रखता। हर बुक में वो 7 रुपये का प्रॉफिट अर्न करता है लेकिन इस बुक को 80 लाख लोग खरीद चुके हैं तो उसका प्रॉफिट हुआ सेवन 24 इनटू ढीला यानी फिफ्टी शेड्स लैक। अब इस एग्जाम्पल में हर एक लाइफ यानी हर एक रीडर कम इम्पैक्ट हुआ लेकिन बहुत ज्यादा लोगों को सर्व किया गया। इसमें नामी डर तो नहीं था लेकिन स्टेबिलिटी थी बट। अब सवाल आता है कि हम लॉफ्टर सेक्शन को रीयल लाइफ में कैसे करें। इसके लिए फाइव कम्पार्टमेंट से जो हमें फॉलो करनी और इनमें सबसे बड़ी कंप्लेंट आती है दो कंपार्टमेंट ऑफ नीड दीक्षित को माशाअल्लाह बहुत पसंद था और उसे इस आर्ट को लोगों को सिखाना भी बहुत अच्छा लगता। उसने बहुत सी ऐसी बुक्स पढी जिसमें लिखा था टू वाकई यानी वो चीज करो जिसे तुम्हें प्यार हो और इसी एडवाइस को सुनकर उसने मार्शल आर्ट ट्रेनिंग स्कूल भी खोल दिया। लेकिन 10 महीने के बाद वो फेल हो गया। अब आप सोचेंगे क्यों। क्योंकि उसने पूरे साल में सिर्फ 20 हजार रुपए का प्रॉफिट कमाया जिससे उसकी फैमिली नहीं चल सकती थी। इसलिए ऑथर कहते हैं कि ये मत सोचो कि तुम्हें क्या पसंद है ये सोचो कि लोगों को किस चीज की जरूरत। अगर दीक्षित ने अपने पैशन के बारे में सोचने के बजाय खुद से ये तीन सवाल पूछे होते तो वो ठीक डिसिजन ले पाता और ये तीन सवाल थे।
क्या मेरी नेबरहुड में मार्शल आर्ट सीखने के लिए कोई इंटरेस्ट है भी है या नहीं। सेक्शन सवाल पहले से एग्जिस्टिंग माहिला टीचर्स में क्या कमियां हैं जो मैं इम्प्रूव करके एक नया बिजनेस लॉन्च कर सकता हूं। थर्ड एग्जाम्पल मैं मार्शल आर्ट स्टूडेंट्स को क्या एक्स्ट्रा वैल्यू प्रोवाइड कर सकता। हम इस फोर्स के मैनेजमेंट को एक और एग्जाम्पल से समझते हैं और ऑथर के पड़ोस में बहुत बड़ी कपड़े की दुकान खुलने वाली औरतों ने जब इसके उनसे बात कही तो उन्हें पहले ही पता चल गया कि ये दुकान ज्यादा चलने वाली नहीं। अब आप पूछेंगे क्यों। वो इसलिए क्योंकि उसका उन्हें अपने पैशन को फॉलो करके एक ही पॉप स्टोर खोलना चाहा था लेकिन आसपास कोई हिपहॉप का कल्चर नहीं था। उसी स्टोर के 10 मीटर की दूरी पर एक बुजुर्गों का केयर सेंटर था और क्या आपको लगता है कि कोई बुजुर्ग इंटरेस्टेड होगा से पॉप कल्चर में अब देसी नहीं। इसलिए उन्हें पता था कि स्टोर में कंपार्टमेंट ऑफ नीड के रूल को फॉलो नहीं किया गया और इसलिए नहीं चलेगा और जब ये स्टोर खुला तो वो चला ही नहीं। इसके बाद आती है लेकिन कमांड में जो हेड कंपार्टमेंट ऑफ एंट्री क्या अपने बिजनेस से रिलेटिड ऐसे कुछ आइडिया सुने हैं कि ऐमजॉन में अपना स्टोर खोलो और लाखों रुपए महीने के कमा सिर्फ चार घंटे में नया बिजनेस खोलो। अगर हां तो आपके मन में ये सवाल आता होगा कि ये सच भी है या नहीं और इसलिए ऐसे बिजनेस से सच है लेकिन प्रॉब्लम ये है कि ऐसे बिजनेस में कोई एंट्री बैरियर नहीं हो सकता है। ऐमजॉन में आप अपना अकाउंट क्रिएट कर दें और कुछ सस्ता प्रॉडक्ट बेचने में लग जाएं। लेकिन अगर आपका बिजनेस चल भी बड़ा
तो बाकी के 10 लाख लोग भी इस बिजनेस को कॉपी कर सकते हैं और इसीलिए ये बिजनेस लॉन्ग लास्टिंग नहीं क्योंकि एक मान्य टॉप एंट्री को फॉलो नहीं करता। कंपार्टमेंट ऑफ एंट्री का मतलब है कोई भी ऐसा बिजनेस जिसे कॉपी किया जा सकता है तो उसे कॉपी किया जाएगा और जिसकी वजह से उसमें कॉम्पटीशन आता रहेगा और सबका प्रॉफिट कम होता रहेगा। इसका एक एग्जाम्पल ऑथर देते हैं जोकि है नेटवर्क मार्केटिंग। अगर आप नेटवर्क मार्केटिंग कर रहे हैं तो मूज प्रॉब्लम आपके साथ हॉल में बैठे 2000 लॉबी नेटवर्क मार्केटिंग ही करें। इसलिए मूज प्रॉब्लम टॉप 5 से 10 लोगों को छोड़ कर कोई ज्यादा पैसे नहीं कमा पाता। ऑथर के अकॉर्डिंग आप इस टाइप के बिजनेस में तभी सक्सेसफुल हो सकते हैं अगर आपके पास खुद नेटवर्किंग बिजनेस है और बाकी लोग इसमें पार्टिसिपेट करें। कंपार्टमेंट ऑफ एंट्री से रिलेटेड एक बहुत ही फेमस और आउटस्टैंडिंग मुख्य पीटे थी जिसका नाम है जीरो डुबान आए होप आप में से कई लोग इस कॉन्सेप्ट को मिस नहीं करना चाहेंगे कि पेपल के फाउंडर पीटर हील की बिजनेस। क्या थी तो आप इसकी डिटेल बुक समरी हिंदी में गुलाब में सुन सकते हैं वो भी बहुत सिंपल भाषण। इस एप्लिकेशन में वन फिफ्टी से ज्यादा फ्री बुक समरी सब्सिडी बिल है और हर संडे हम इसमें नई फ्री बुक्स भी आयकर देते हैं। अगर आपको फेसबुक सर्विस की क्वॉलिटी अच्छी लगती है तो आप अपनी नॉलेज जमीन बेच कर सकते हैं और टीमें मेम्बरशिप भी ले सकते हैं। ये अप्लीकेशन दोनों आईएएस और में अवेलेबल हैं। अगर आप इस एप्लीकेशन में इंट्रेस्ट है तो इसका लिंक मेट्रो स्टेशन और इंफोर्समेंट में दे दूंगा। ऐक्टिविस्ट कंपार्टमेंट ऑफ एंट्री को समझने के बाद तीसरी कमांड में आती जो
कैदी हेड कंपार्टमेंट ऑफ कंट्रोल ऑथर कहते हैं कि उनका एक फ्रेंड था जिसने नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी ज्वॉइन की हुई थी। वो उन गिने चुने लोगों में से था जो नेटवर्क मार्केटिंग से अच्छा पैसा कमा लेते। लेकिन हुआ ये कि उस नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी ने अपनी प्रॉडक्ट लाइन चेंज कर दी और जो कमीशन उनके दोस्त को मिलता था उसे भी कम कर दिया जिनकी वजह से उनके फैन की इनकम स्ट्रीम धीरे धीरे कम हो के पूरी जीरो हो गई और यह इसलिए हुआ क्योंकि उनका फ्रेंड 10 कंपार्टमेंट ऑफ कंट्रोल को नहीं समझता सकता। कंपार्टमेंट ऑफ कंट्रोल कहता है कि एक सस्टेनेबल बिजनेस वो है जिसमें हमारा फुल कंट्रोल प्रॉडक्ट प्राइसिंग रेवेन्यू मॉडल हर चीज पर कंट्रोल अगर कंट्रोल हमारे पास नहीं है तो हम ड्राइवर नहीं बल्कि एक पैसेंजर जिसे कभी भी बसें उतारा जा सकता है। चूंकि ड्राइवर नौकरी देते हैं नौकरी लेते नहीं ड्राइवर नेटवर्क कंपनीज़ होते हैं। नेटवर्क कंपनीज ज्वाइन नहीं करते। ड्राइवर्स रेंटल लड़ाई से दें। रेंटल आईडी नहीं करते। राइवल एलीट प्रोग्राम स्टार्ट कर दें उन्हें ज्वाइन नहीं करते। ऑथर कहते हैं कि उनका के फ्लीट प्रोग्राम है जिसमें कई एएलएच महीने के 10 लाख रुपए पर महीने तक कमाते हैं और इसलिए ये एक बहुत ही अच्छी इनकम लेकिन कंट्रोल ओनर के पास नाकि उनके अप्लीकेंट्स के पास ऑथर जब चाहे अपने बिजनेस की सिचुएशन की कोडिंग न्यू पॉलिसी ला सकते हैं जिसकी वजह से उनके की इनकम स्ट्रीम चेंज हो सकती वैसे ही इवन यूट्यूब चैनल में सारा कंट्रोल यूट्यूब के पास है और अगर यूट्यूब कोई भी चीज एक्सचेंज प्रोग्राम में कर देता है तो सारे यूट्यूब की इनकम बंद हो सकती है क्योंकि हम इस प्लांट में पैसेंजर हैं ना कि ड्राइवर। इसके बाद फूड कंपार्टमेंट लेती है
तो कंपार्टमेंट और स्कील। अगर हम किसी टूटे हुए रोज वाले हिली एरिया में कार ड्राइव करें तो हमारी स्पीड लिमिट 20 से 25 किलोमीटर पर आरी होगी। इससे ज्यादा स्पीड पर हम ड्राइव नहीं कर सकते लेकिन अगर हम प्लेन में ड्राइव करते हैं तो हम यह ठंड नाइट हंड्रेड किलोमीटर उस पर भी ट्रैवल कर सकते हैं। बिजनेस में ये स्पीड हमें स्केलिंग से मिलती है यानी अपने प्रॉडक्ट को बहुत से लोगों तक पहुंचाना और यही फूड का मार्केट कंमाडो के अगर हमारा प्रॉडक्ट क्या सर्विस एक लोकल कमेटी को ही सर्व कर रहा है तो एक तरह से हम एक छोटे पूल में फिशिंग करें। अगर हमारा प्रॉडक्ट सर्विस एक सिटी को सर्व कर सकता है तो हम ऐसा समझ सकते हैं कि हम एक पॉड में फिशिंग करें और एक पूरे देश में हम अपने प्रॉडक्ट सर्विस लॉन्च करें तो हम एक में फिशिंग कर अग्रिम पूरी दुनिया में अपना प्रॉडक्ट सर्विस दे रहे हैं तो आप ऐसी सोचें कि हमारे पास पूरा ओशियन है फिशिंग करने के लिए। यानी अनलिमिटेड शमशुद्दीन माली जी आप एक बहुत ही फेमस सैंडविच की शॉप अपनी कमेटी में खोल दें तो हमारी वैसी कुजीन क्या है नेट प्रॉफिट। इसकी कोल्हू यूनिट सोल इंदु यूनिट प्रॉफिट अब यूनिट सेल तो हमारे लिमिटेड ही होंगे क्योंकि एक दिन में मैक्सिमम हम सौ से 500 सब्जी बेच सकते लेकिन हमें सोचना ये है कि मैं एक दिन में 10 हजार या 1लाख सैंडविच कैसे सेल करूं और में बैठे इंसान को सैंडविच कैसे बीत सकता। क्या मैं में डॉनल्ड की तरह खुद का ब्रैंड बना कि लोगों को फ्रेंचाइजी सेल कर सकता हूं या नहीं। इसके अलावा हमारा प्रॉफिट पर सैंडविच भी बहुत कम हो सकता है हम दूर पेपर सैंडविच कमाएं लेकिन अगर
सैंडविच की जगह हम पूरा डिनर किसी को सर्व कर सकते हैं जिसे एवरेज प्रॉफिट दो रुपये की जगह टू एंड पीस पर फैमली हो जाए तो हम अपना टोटल प्रॉफिट इंक्रीज कर सकते हैं। इसके बाद आती है फिक्स्ड कमांड में दो कंपार्टमेंट ऑफ टाइम। अब ऐसा हो सकता है कि हम एक अच्छा बिजनेस भी खड़ा कर दें। पैसे भी बहुत कम हैं लेकिन हमारे पास हमारी फैमिली के लिए टाइम मीना और बिजनेस हमें फ्रीडम देने के बजाय लाइफ टाइम वीजा ही बन जाए और अगर ऐसा होगा तो इसका मतलब ये नहीं है कि बिजनेस बनाने के लिए इतनी कुर्बानी तो जरूरी है बल्कि इसका मतलब ये है कि हमारे पास एक स्किल की कमी है और वो स्किल है कि मार्केट ऑफ टाइम इसके लिए ऑथर अंशिका एग्जाम्पल देते हैं जिन्होंने 200 कॉल गुरु के एडवाइस पर अपने पैशन को फॉलो किया और एक कॉफी शॉप लॉन्च कर दी जहां पर हर वीकेंड में इंट्रेस्टिंग बुक्स को ऋण भी दिया जाता। शुरू में ये शॉप बहुत चली। उन्होंने पैसा भी बहुत कमाया। अक्सर अपने पैशन को फॉलो करते थे वो बहुत एक्साइटेड भी थे लेकिन दो साल के बाद सब कुछ बदल गया। अक्षय इतना बिजी हो गया कि उसे पता नहीं चल रहा कि वो अपने बिजनेस को नहीं बल्कि उसका बिजनेस उसे उन करता है। इस बिजनेस की वजह से उसकी गलन ने भी उसे छोड़ दिया क्योंकि उसे टाइम नहीं दे पाता। अक्षय जितने भी प्राइस आया करते वो ठीक से काम नहीं कर पाते और अच्छी प्राइस हायर करने के लिए उनके पास इतने पैसे नहीं। अक्षय एक अच्छा जोनल मैनेजर हायर करने का सोचा लेकिन फिर वही प्रॉब्लम। वो बहुत ज्यादा सैलरी मांगा था। तीन सालों के बाद उसने
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