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तिरुपति बालाजी मंदिर का रहस्य जो आप नहीं जानते होंगे | tirupati balaji rahasya in hindi

 भारत को परंपराओं का देश कहा जाता है, जहां हर धर्म के लोग बड़े प्यार से रहते हैं, चाहे मंदिर हो मस्जिद हो पर आपको जैसी चीजें भारत में देखने को मिलेंगी वैसे पूरी दुनिया में कहीं नहीं और आज हम इस आर्टिकल में आपको भारत में मौजूद सैकड़ों साल पुराने एक ऐसे रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताएंगे जहां कोई मूर्ति नहीं बल्कि स्वयं भगवान विराजमान है। जहां पत्थर की कोई मूर्ति नहीं बल्कि जीवित भगवान मौजूद है जिन्हें गर्मी लगती है जिन्हें पसीना निकलता है और जिनके लिए पंखे तक की व्यवस्था की जाती है, 

तिरुपति बालाजी मंदिर का रहस्य जो आप नहीं जानते होंगे | tirupati balaji rahasya in hindi

और दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है जिसके पास फिक्स डिपोजिट में ही इतना पैसा है कि हर साल 8 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई सिर्फ उसके ब्याज से हो जाती है। वे पूरी दुनिया के सबसे रहस्यमय मंदिरों में से एक है जिसका नाम तो भारत का एक एक नागरिक जानता है लेकिन वहां तक पहुंचना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता। इसलिए आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आप सभी को इस रहस्यमय और अद्भुत मंदिर के दर्शन करवाएंगे जिसके बारे में जानने के बाद आप भी सोच में पड़ जाएंगे। लेकिन आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़िए गा। आज का आर्टिकल आपके लिए बहुत ही बेहतरीन होने वाला है। 

दोस्तो आज हम भारत के जिस मंदिर के बारे में बात करने वाले हैं। इस मंदिर का नाम है तिरुपति बालाजी मंदिर। नाम तो आपने न जाने कितनी बार सुना होगा। है ना। लेकिन यकीन मानिये इस मंदिर के अद्भुत रहस्यों के बारे में आप नहीं जानते होंगे। सबसे पहले आपको बता दें की यह मंदिर दक्षिण भारत के राज्य आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में बना हुआ है। वैसे तो दक्षिण भारत में सैकड़ों ऐसे मंदिर हैं जो विश्व प्रसिद्ध है लेकिन तिरुपति बालाजी सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। 

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इस मंदिर में वेंकटेश्वर महाराज जी की पूजा अर्चना की जाती है जिन्हें श्री भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। आगे सुनिए और चौंकाने वाली कई बातें है। इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि इस मंदिर के गर्भगृह में जो मूर्ति स्थापित है वो कोई इंसानों के द्वारा बनाई गई मूर्ति नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी की वहां स्वयं भगवान विराजमान है बल्कि वो मूर्ति पत्थर की बनी हुई है। लेकिन जब आप उस दिव्य काली मूर्ति के दर्शन करेंगे तो आपको स्वयं इस बात का अहसास हो जाएगा कि वो कोई आम मूर्ति नहीं है बल्कि जीवित भगवान है। 

यही वजह है कि इस मंदिर के पुजारी वेंकटेश्वर भगवान की मूर्ति पर चंदन का लेप लगाते हैं। उनका मानना है की भगवान की ठुड्डी पर चोट लगी हुई है और चंदन का लेप लगाने से वो चोट सही हो जाएगी। इतना ही नहीं इस मूर्ति के सिर पर लगे बाल भी बिल्कुल असली हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की पिछले डेढ़ हजार साल से भी मौजूद वो मूर्ति और उस मूर्ति के बाल आज भी वैसे ही साफ और मुलायम है। भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति के बाल कभी भी नहीं उलझते। तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन करने वाले लोगों और वहां के पुजारियों का कहना है कि वेंकटेश्वर भगवान की मूर्ति से हर वक्त समुद्र में उठी लहरों के जैसी आवाज आती है। अगर आप भगवान की मूर्ति को कान लगाकर सुनें तो आपको ऐसा लगेगा मानो आप समुद्र में उठ रही लहरों के बीच खड़े हों। इस मंदिर में दान देने की गजब की परंपरा है। 

इस मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि वो यहां जो भी मन्नत मांगते हैं उनकी मन्नत जरूर पूरी होती है और एक बार मन्नत पूरी होने के बाद वहां जाने वाले श्रद्धालु अपने बाल को दान करके अपनी आस्था प्रकट करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि तिरुपति बालाजी मंदिर में हर दिन 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु अपने बाल को दान करते हैं 

तिरुपति बालाजी मंदिर का रहस्य जो आप नहीं जानते होंगे | tirupati balaji rahasya in hindi

और उसके बाद वे श्रद्धालु अपनी श्रद्धानुसार इतना अधिक रुपया सोना चांदी जैसी चीजें दान भी करते हैं जिसकी वजह से ये मंदिर पुरी दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है जहां पर चढ़ाए गए रुपये और सोना चांदी की गिनती के लिए 50 से अधिक लोगों की ड्यूटी लगी रहती है। इस मंदिर में सिर्फ और सिर्फ श्रद्धालुओं के चढ़ावे से मंदिर के ट्रस्ट की हर महीने 200 से 300 करोड़ की कमाई होती है। अच्छी बात तो ये है कि से ट्रस्ट का अधिकतर पैसा दान पुण्य और समाजसेवा जैसे कामों में लगा दिया जाता है।

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 आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना वायरस की वजह से जब पूरी दुनिया में लॉक डाउन लगा हुआ था उस वक्त तिरुपति बालाजी ट्रस्ट के फिक्स डिपॉजिट में ही इतना पैसा जमा था कि उसके ब्याज से ही वहां की तीन हजार से ज्यादा कर्मचारियों को तीन महीने से अधिक तक की सैलरी पेंशन एक साथ दे दी गई थी। यहां आने वाले दुनिया भर के श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां पर आकर मन्नत मांगने से भगवान उनकी सभी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। बड़े से बड़े उद्योगपति से लेकर राजनेता तक भी यहां अपना आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं और गुप्त दान में रुपये सोना चांदी का चढ़ावा चढ़ाते हैं। दुनिया के सबसे अमीर मंदिर की भारत के कई बैंकों में 12 हजार करोड़ से भी ज्यादा की फिक्स डिपोजिट है

 जिससे हर साल करीब 800 करोड़ से ज्यादा ब्याज के रूप में मंदिर ट्रस्ट की कमाई होती है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां आने वाले श्रद्धालु किस हिसाब से चढ़ावा चढ़ाते हैं। क्या अब तक आपको इस बात की जानकारी थी। हमें कमेंट में बताइएगा जरूर।

 जब कभी आप तिरुपति बालाजी मंदिर जाएंगे तो आपको वहां के मुख्य दरवाजे के दायीं तरफ एक छड़ी रखी हुई दिखाई देगी। क्या आप यकीन करेंगे वही छड़ी है जिसने बचपन में तिरुपति बाला जी की माता जी ने इनकी पिटाई की थी और पिटाई की वजह से उनकी ठुड्डी पर चोट लगी थी। यही कारण है की आज तक उनकी ठुड्डी पर हर शुक्रवार को चंदन का लेप लगाया जाता है ताकि घाव भर सके और अब ये एक परंपरा बन गई है। 

यह बात बिल्कुल सच है कि भगवान तिरुपति बालाजी की मूर्ति एक विशेष प्रकार के चिकने पत्थर से बनी हुई है लेकिन ये बात भी उतनी ही सच है कि जब आप पर उस प्रतिमा को सामने से दर्शन करेंगे तो आपको मूर्ति नहीं बल्कि जीवित भगवान जैसे प्रतीत होंगे। आपको जानकर हैरानी होगी की भगवान के आराम के लिए पूरे मंदिर के वातावरण को काफी ठंडा रखा जाता है लेकिन इसके बावजूद भी बालाजी को बहुत गर्मी लगती है जिसकी वजह से उनके शरीर पर पसीने की बूंदों को देखा जा सकता है। उनका माथा और पीठ हमेशा पसीने की बूंदों से भीगा रहता है। मंदिर के पुजारी वक्त वक्त पर उनके शरीर से पसीने को पोछते रहते हैं। जितना अनोखा ये मंदिर है उतनी अनोखे ढंग से भगवान तिरुपति बाला जी का श्रृंगार भी किया जाता है। दरअसल भगवान की प्रतिमा को हर दिन नीचे धोती और ऊपर साड़ी से सजाया जाता है।

पुजारियों का मानना है की बालाजी में ही माता लक्ष्मी का रूप भी समाहित है और इसी वजह से इस तरीके से श्रृंगार किया जाता है। वैसे तो भगवान तिरुपति बालाजी विष्णु भगवान के रूप है लेकिन भगवान बालाजी के हृदय पर माता लक्ष्मी विराजमान होती है और माता लक्ष्मी की मौजूदगी उस वक्त पता चलती है जब हर गुरूवार को बालाजी का सिंगार उतारकर उन्हें स्नान करवाया जाता है और उनके शरीर पर चंदन का लेप लगाया जाता है जब चंदन के लेप को वापस से हटाया जाता है तब उनके हृदय पर लगे चंदन में देवी लक्ष्मी का स्वरूप नजर आने लगता है। 

तिरुपति बालाजी मंदिर का रहस्य जो आप नहीं जानते होंगे | tirupati balaji rahasya in hindi

हिन्दू धर्म के पूजा पाठ में तुलसी के पत्ते का बड़ा ही महत्व होता है और भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते से कुछ ज्यादा ही लगाव है। यही वजह है कि इस मंदिर में भी हर रोज तुलसी के पत्ते का चढ़ावा दिया जाता है लेकिन जहां हर मंदिर में तुलसी के पत्ते को चढ़ाने के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद के तौर पर बांट दिया जाता है। तिरुपति बालाजी मंदिर में ऐसा बिलकुल भी नहीं होता। बालाजी मंदिर में तुलसी के पत्ते को चढ़ाने के बाद मंदिर के प्रांगण में ही मौजूद कुएं में विसर्जित कर दिया जाता है और ऐसा कहा जाता है कि किसी ने इस कुएं में आज तक झांककर नहीं देखा। आपको जानकर हैरानी होगी कि तिरुपति बालाजी मंदिर में हर रोज तीन लाख बीसी घी के लड्डू बनाए जाते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि ने लड्डुओं को बनाने के लिए कोई नयी टेक्नॉलजी नहीं बल्कि यहां के कारीगर 300 साल से ज्यादा पुराने तरीके से लड्डुओं को तैयार करते हैं।

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आपको जानकर हैरानी होगी कि इन तीन लाख से भी अधिक लड्डुओं को तिरुपति बालाजी मंदिर के गुप्त रसोई में बनाया जाता है और उस रसोई को बुंडू के नाम से जाना जाता है और उससे भी हैरानी की बात ये है की भगवान तिरुपति बालाजी के मंदिर से 23 किलोमीटर दूर एक ऐसा अनोखा गांव है जहां भारी व्यक्तियों को एंट्री करने पर पूरी तरह से बैन लगा है। आपको बता दें कि यहां पर लोग बहुत नियम और संयम के साथ रहते हैं। भगवान तिरुपति बालाजी को चढ़ाने के लिए फल फूल दूध दही और घी आदि सभी सामग्रियां यहीं पर बनती है और यहीं से आती हैं। यहां के लोग इतने तौर तरीके से रहते हैं कि वहां के पुरूष और महिलाएं सिले हुए कपड़े तक नहीं पहनते।

 इस मंदिर की एक और आश्चर्यजनक बात ये है कि तिरुपति बालाजी मंदिर के गर्भ गृह में एक दीपक जलता है। यही पर सैकड़ों सालों से लगातार जलता रहा है जिसमें ना तो तेल है ना ही घी, अब आखिर ये सब कैसे होता इस बात का जवाब किसी के पास नहीं, बचाई कर पूरम जिसे सामान्य भाषा में कपूर भी कहते हैं अगर इसे किसी भी साधारण प्रतिमा पर चढ़ाया जाए तो वो पत्थर चटक जाता है। भगवान की प्रतिमा पर जब कपूर को चढ़ाया जाता है तो वहां पर इसका कोई असर नहीं होता। अब इसको तो कोई चमत्कार ही कहा जा सकता है।

तिरुपति बालाजी मंदिर का रहस्य जो आप नहीं जानते होंगे | tirupati balaji rahasya in hindi

जब कभी आप तिरुपति बालाजी मंदिर जाएंगे तो आप ध्यान से देखिएगा जब आप बालाजी के गर्भ गृह में देखेंगे तो आप पाएंगे मूर्ति गर्भ गृह के बिल्कुल बीचो बीच स्थापित है। लेकिन जैसे अब गर्भ गृह से बाहर आकर मूर्ति को निहारें तो आपको ऐसा लगेगा जैसे मूर्ति गर्भ ग्रह के दायीं ओर स्थित है।

 दोस्तो ये जानकारी आपको कैसे लगी और क्या तिरुपति बालाजी मंदिर आप कभी गए हैं, अगर नहीं तो फिर तिरुपति बालाजी मंदिर जाने की प्लानिंग कब कर रहे हैं। आप अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताइए। आगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करना ना भूले, कंटेंट मसाला ऐसी जानकारियों से भरे आर्टिकल्स लाता रहता है।


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